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इलाहाबाद का नाम बदला जाना क्या इतिहास से छेड़छाड़ की कोशिश है

कुछ प्राचीन आख्यानों के अनुसार यज्ञभूमि की अंतिम सीमा प्रयाग थी। यज्ञ आर्यों/भरतों की परंपरा थी। इसका अर्थ प्रयाग भारतवर्ष की पूर्वी सीमा थी। यदि आर्य-आगमन की कथा को आधार माना जाए तो यह आर्यों के आगमन से पूर्व के इतिहास की थाती है। इसके अनार्य होने का एक मिथकीय साक्ष्य यह भी है कि यह प्रदेश मनु-पुत्री (आर्य राजा) इला का राज्य है, जिसे पुरुष-प्रधान आर्य-परंपरा के प्रभाव में राजा इल भी कहा जाता है। पुरुरवा का जन्म इसी कन्या के किसी चंद्रोपसक अनार्यपुरुष  ‘बुध’ के साथ सहवास से हुआ। आर्य-परंपरा को ध्यान में रखते हुए इसे मिथकीकृत करके  पुरुरवा ऐल  के जन्म की मिथकीय कथा रची गई। इसकी पुष्टि इस बात से भी होती है कि इसे शिव-पार्वती का रमण-क्षेत्र माना गया और शिव अनार्य देव हैं। तब मन कामेश्वर इस रमण-भूमि के केंद्रीय देवता रहे होंगे। इसे एक शापित क्षेत्र भी कहा गया जहां पहुंचकर पुरुष स्त्री बन जाता है (मिथक के अनुसार मनु के पुत्र के साथ भी ऐसा ही हुआ), अर्थात आर्य-परंपरा के विपरीत भारत-जन के प्रभाव से पूर्व यहां अनार्य स्त्री-प्रधान समाजव्यवस्था लागू रही होगी, जिसके प्रभाव में ...

#MeeToo ने स्त्रीवादी पुरुषों के जोरे-जामे उतार दिए हैं

#MeeToo के दौर में अब जबकि तमाम औरतें और लड़कियां अपने अनुभवों को सामाजिक माध्यमों पर साझा कर रहीं है तो कुछ स्त्रीवादी पुरुषों के जोरे जामे उतरने लगे हैं। वे इस हादसे से इतने अकबका गए हैं कि आंय-बांय-सांय बोलने और लॉबिंग करने लगे हैं। स्त्री-दलित-आदिवासी की एका की बात करने वाले तमाम साथी अचानक उन स्त्रियों पर आक्रामक होगए है। कुछ मर्दवादी स्त्रियां भी हैं, जो अबतक स्त्रीवादी चोले में थीं आज अचानक चोला उतार साथी पुरुषों का झोला उठा चुकी हैं। हम जैसे रूढ़, सामंती और मर्यादावादी पुरुषों को बात करने का हक नहीं , यह हम जानते हैं, पर आपकी अचानक खलबली यह तो बताती ही है कि कहीं न कहीं किसी न किसी ने आपके बिल में पानी तो डाल ही दिया है, जिससे आप खलबला कर बाहर निकल आए हैं। चोले ओढ़कर रंग बदलना कब तक चलेगा साथी ? अभी तो कुछ ही जबानें हिली हैं, सब हिलेंगी तो क्या होगा? आपकी लोकतांत्रिकता, उदारता और समता की मीनारें भरभरा कर गिर जाएंगी । अभी भी देश इतना जागरूक नहीं है कि हर लड़की बात-बात पर कोर्ट जाए और उसे रोजमर्रे की जिंदगी भी बसर करनी होती है। फिर भी, जो जबानें हिली हैं उनके खिलाफ लामब...