महाराष्ट्र, भारत का आर्थिक और राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण राज्य, इन दिनों राजनीतिक अस्थिरता और नए समीकरणों के दौर से गुजर रहा है। बीते कुछ वर्षों में यहां की राजनीति में ऐसे उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं, जिन्होंने न केवल राज्य की सरकार, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति को भी प्रभावित किया है। शिवसेना का विभाजन और नई ध्रुवीकरण की शुरुआत शिवसेना, जो दशकों से महाराष्ट्र की राजनीति में एक मजबूत ताकत रही है, अब विभाजन की स्थिति में है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना ने पारंपरिक हिंदुत्व की राजनीति से इतर प्रगतिशील और धर्मनिरपेक्ष रुख अपनाने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ उसका पुराना गठबंधन टूट गया। हालांकि, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के एक धड़े का भाजपा के साथ गठबंधन राज्य की राजनीति में एक नया मोड़ लेकर आया। यह विभाजन न केवल शिवसेना के राजनीतिक अस्तित्व के लिए चुनौती बन गया है, बल्कि यह महाराष्ट्र की क्षेत्रीय राजनीति में भी गहरे ध्रुवीकरण को दर्शाता है। महाविकास आघाड़ी: सहयोग या संघर्ष? 2019 में बनी महाविकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार, जिसमें शिवसेन...
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