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अमेरिका और भारत: बदलते संबंधऔर अडानी विवाद

  अमेरिका और भारत: बदलते संबंधों और अडानी विवाद का विश्लेषण अमेरिका, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने का गर्व है, अक्सर अपनी वैश्विक नीतियों में सबसे कम लोकतांत्रिक दृष्टिकोण अपनाता है। भले ही अमेरिकी लोकतांत्रिक व्यवस्था में रंगभेद, नस्लभेद और क्षेत्रवाद निषिद्ध हों, लेकिन ये प्रवृत्तियां अमेरिकी समाज और नीतियों में गहराई से मौजूद हैं। भारत, जो अपने धर्मनिरपेक्ष, सांस्कृतिक और लोकतांत्रिक मूल्यों के कारण विश्व राजनीति का केंद्र रहा है, अक्सर अमेरिकी दबाव और उसकी वैश्विक रणनीतियों का सामना करता रहा है। अडानी समूह और अमेरिका का आर्थिक प्रभाव हाल के वर्षों में अडानी समूह, जो भारत के प्रमुख औद्योगिक समूहों में से एक है, अमेरिका और उसकी एजेंसियों के निशाने पर रहा है। अमेरिका के कुछ निजी संगठनों और संस्थाओं ने अडानी समूह पर वित्तीय पारदर्शिता और अन्य आरोप लगाए हैं। ये आरोप अमेरिका की उन नीतियों का हिस्सा प्रतीत होते हैं, जिनके तहत वह अन्य देशों की प्रमुख कंपनियों पर दबाव बनाकर अपने आर्थिक और भू-राजनीतिक हित साधता है। यह स्थिति वैसी ही है जैसी अमेरिका ने चीनी कंपनी हुआवेई के साथ की...