सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारत और इंडोनेशिया

 भारत और इंडोनेशिया के संबंध ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन दोनों देशों के बीच घनिष्ठता प्राचीन समय से रही है, जब भारत से हिंदू और बौद्ध धर्म इंडोनेशिया पहुंचे। यहां उनके संबंधों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:

1. ऐतिहासिक संबंध

  • भारत और इंडोनेशिया का संपर्क 1वीं शताब्दी ईसा पूर्व में व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से हुआ।
  • हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, और भारतीय संस्कृति ने इंडोनेशिया की सभ्यता, कला और स्थापत्य को गहराई से प्रभावित किया।
  • इंडोनेशिया में प्रसिद्ध बोरोबुदुर स्तूप और प्रंबनन मंदिर जैसे स्थल भारतीय प्रभाव के प्रमाण हैं।

2. राजनीतिक संबंध

  • दोनों देश स्वतंत्रता संग्राम में एक-दूसरे के समर्थन में रहे।
  • 1945 में इंडोनेशिया की स्वतंत्रता और 1947 में भारत की स्वतंत्रता के बाद, दोनों ने औपचारिक रूप से कूटनीतिक संबंध स्थापित किए।
  • भारत और इंडोनेशिया गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) के संस्थापक सदस्य हैं और समान विचारधारा साझा करते हैं।

3. आर्थिक संबंध

  • भारत और इंडोनेशिया के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हैं। इंडोनेशिया भारत का एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है।
  • कोयला, खनिज तेल, खाद्य तेल (पाम ऑयल) और इलेक्ट्रॉनिक्स भारत इंडोनेशिया से आयात करता है।
  • दोनों देश क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी (RCEP) और आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (FTA) का हिस्सा हैं।

4. सुरक्षा और सामरिक सहयोग

  • हिंद महासागर क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए दोनों देश रक्षा और समुद्री सुरक्षा में सहयोग करते हैं।
  • दोनों ने सामरिक साझेदारी (Strategic Partnership) के तहत समुद्री सीमा की सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई, और रक्षा विनिर्माण में साझेदारी बढ़ाई है।

5. संस्कृतिक और जन-संपर्क

  • भारत और इंडोनेशिया सांस्कृतिक आदान-प्रदान, पर्यटन और छात्र कार्यक्रमों के जरिए मजबूत रिश्ते बनाए हुए हैं।
  • इंडोनेशिया में भारत के त्योहार जैसे दीपावली और होली लोकप्रिय हो रहे हैं।
  • इंडोनेशिया में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी रहते हैं।

6. आधुनिक पहल

  • दोनों देशों ने 2023 में मेक इन इंडिया और इंडोनेशिया के "मेक इन इंडोनेशिया" को लेकर औद्योगिक सहयोग बढ़ाने की योजना बनाई है।
  • इंडोनेशिया के नई राजधानी (नुसंतारा) के विकास में भारत ने भागीदारी की इच्छा जताई है।

निष्कर्ष

भारत और इंडोनेशिया के संबंध न केवल द्विपक्षीय हैं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण हैं। दोनों देशों की मजबूत साझेदारी दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया की स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

कश्मीर के रास्ते ही सुलझेगी कश्मीर समस्या

कश्मीर भारत की नाभि है, जहां उसकी अंतरराष्ट्रीय रणनीति का अमृत है। उसका सूखना भारत की अंतरराष्ट्रीय शाख और उसकी भू राजनैतिक स्थिति दोनों को प्रभावित करेगी। इसलिए लगभग 70 वर्षों से यह भारत के लिए नाक का सवाल बना है। इसके बावजूद स्वयं कश्मीरियों की स्थिति इन 70 सालों में लगातार बदतर हुई है, चाहे वह पाक अधिकृत हो या भारत द्वारा अंगीकृत। इन दोनों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान है । 

संस्कृति चिंतक कुबेरनाथ राय की स्मृति में जारी हुआ डाक टिकट

कुबेरनाथ राय पर डाक टिकट जारी करते हुए माननीय संचार राज्यमंत्रीभारत सरकार श्री मनोज सिन्हा जी 9 मार्च, नई दिल्ली। भारत सरकार के संचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) माननीय मनोज सिन्हा दवारा हिंदी के सुप्रसिद्ध साहित्यकार और भारतविद् कुबेरनाथ राय पर एक डाकटिकट जारी किया गया। कार्यक्रम का आयोजन कुबेरनाथ राय के गृहजनपद ग़ाज़ीपुर के जिला मुख्यालय स्थित मुख्यडाकघर में किया गया। इस कार्यक्रम में स्वर्गीय राय साहब के अनुज पंडित वात्स्यायन भी बतौर विशिष्ट अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन स्वर्गीय राय साहब के गृह जनपद ग़ाज़ीपुर के प्रधान डाकघर में 9 मार्च को अपराह्न 2 बजे किया गया था। सम्मानित हुई उनकी जन्मभूमि गाजीपुर दीप प्रज्वलन करते स्वर्गीय राय के अनुज पंडित नागानंद जी हिंदी के अद्वितीय निबंधकार कुबेरनाथ राय का जन्म 26 मार्च 1933 को गाजीपुर जनपद के ही मतासां गांव में हुआ था। वे अपने सेवाकाल के अंतिम दिनों में गाजीपुर के स्वामी सहजानंद सरस्वती महाविद्यालय के प्राचार्य रहे, जहां से सेवानिवृत्त होने के बाद 5 जून 1996 को उनका देहावसान उनके पैतृक गांव में ही हुआ। कुबेरन...