चीन और भारत दोनों एशिया के प्रमुख देश हैं, और उनका आपसी संबंध इतिहास, भू-राजनीति और वर्तमान वैश्विक घटनाओं से प्रभावित है। भारत का चीन के करीब रहना या उससे दूरी बनाए रखना, विभिन्न रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा पहलुओं पर निर्भर करता है। नीचे भारत के चीन के करीब रहने के कुछ कारण और उनके पीछे के संभावित तर्क दिए गए हैं:
1. आर्थिक संबंध
- वाणिज्य और व्यापार:
चीन भारत का एक बड़ा व्यापारिक भागीदार है। 2022-23 में, भारत और चीन के बीच व्यापार लगभग $135 बिलियन था। चीन से भारत को सस्ते कच्चे माल और उपकरण मिलते हैं, जो भारतीय उद्योगों, विशेष रूप से प्रौद्योगिकी और विनिर्माण क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। - आर्थिक सहयोग:
दोनों देश ब्रिक्स (BRICS), G20, और अन्य बहुपक्षीय मंचों में सहयोग करते हैं, जिससे वैश्विक आर्थिक विकास में योगदान करते हैं।
2. क्षेत्रीय स्थिरता और भू-राजनीतिक कारण
- सीमा विवाद प्रबंधन:
भारत और चीन के बीच कई विवादित सीमाएं (जैसे अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश) हैं। करीबी संवाद और संबंध बनाए रखने से इन विवादों को कूटनीतिक माध्यम से हल करने का अवसर मिलता है। - सुरक्षा संतुलन:
चीन के बढ़ते प्रभाव (जैसे बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव) को समझने और संतुलित करने के लिए भारत को चीन के साथ संवाद बनाए रखना आवश्यक है।
3. अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सहयोग
- बहुपक्षीय मंच:
भारत और चीन संयुक्त राष्ट्र, ब्रिक्स, शंघाई सहयोग संगठन (SCO), और एशियाई ढांचे में साझेदार हैं। इन मंचों पर दोनों देशों का सहयोग महत्वपूर्ण है। - जलवायु परिवर्तन और विकास:
जलवायु परिवर्तन और विकासशील देशों के मुद्दों पर दोनों देश अक्सर समान दृष्टिकोण साझा करते हैं।
4. सामरिक कारण
- प्रतिद्वंद्विता को नियंत्रित करना:
चीन के साथ सीधा टकराव भारत के लिए महंगा और जोखिम भरा हो सकता है। संबंध बनाए रखना दोनों देशों के लिए बेहतर है, ताकि प्रतिद्वंद्विता को शत्रुता में बदलने से रोका जा सके। - चीन का बढ़ता सैन्य प्रभाव:
चीन का सैन्य और आर्थिक दबदबा, विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में, भारत के लिए चिंता का विषय है। करीबी संवाद रखने से भारत को चीन की रणनीति समझने में मदद मिलती है।
5. ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध
- प्राचीन संबंध:
भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध 2000 वर्षों से भी अधिक पुराने हैं। बौद्ध धर्म के माध्यम से भारत ने चीन की संस्कृति को प्रभावित किया। - पीपल टू पीपल कनेक्शन:
शिक्षा, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों देशों के लोग आपस में जुड़े हुए हैं।
क्यों भारत सतर्क भी रहता है?
हालांकि चीन के करीब रहना महत्वपूर्ण है, भारत कई मामलों में सतर्क भी रहता है:
- सीमा विवाद: चीन ने अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है।
- चीन-पाकिस्तान संबंध: चीन का पाकिस्तान के साथ मजबूत सैन्य और आर्थिक संबंध भारत के लिए चिंता का विषय है।
- आर्थिक निर्भरता का जोखिम: भारत चीनी आयात पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रहा है ताकि आत्मनिर्भरता बढ़ाई जा सके।
- चीन की विस्तारवादी नीति: दक्षिण एशिया और हिंद महासागर क्षेत्र में चीन का बढ़ता प्रभाव भारत के लिए चुनौतीपूर्ण है।
निष्कर्ष
भारत का चीन के करीब रहना एक रणनीतिक और कूटनीतिक जरूरत है, जिससे दोनों देशों के बीच संवाद बना रहे और आपसी संघर्षों को रोका जा सके। लेकिन साथ ही, भारत अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता को बनाए रखने के लिए सतर्क रहता है। संतुलित दृष्टिकोण अपनाकर ही भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा कर सकता है।
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