ब्रिटिश भेदभावपूर्ण नीति: एक आलोचनात्मक दृष्टिकोण ब्रिटेन, जो लोकतंत्र और समानता का प्रतीक माना जाता है, अपने बहुसांस्कृतिक समाज और विविधता की नीति पर गर्व करता है। परंतु हाल की घटनाओं ने ब्रिटिश समाज और उसकी नीतियों की वास्तविकता पर सवाल खड़े किए हैं। रामी रेंजर और अनिल भनोट को उनके पदों से हटाना, धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भेदभावपूर्ण नीति का प्रतीक बन गया है। 1. ब्रिटिश बहुलतावाद का खोखलापन ब्रिटेन में बहुसांस्कृतिक समाज की स्थापना का दावा किया जाता है, लेकिन व्यवहार में यह नीति अक्सर बहुसंख्यक समुदाय के पक्ष में झुकी हुई प्रतीत होती है। रामी रेंजर और अनिल भनोट का मामला: इन दोनों को ऐसे मुद्दों पर बोलने के लिए निशाना बनाया गया, जिनमें एक ने भारत की छवि की रक्षा की, जबकि दूसरे ने अल्पसंख्यकों के समर्थन में आवाज उठाई। बीबीसी विवाद: बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री की आलोचना करने पर रामी रेंजर के खिलाफ कार्रवाई यह दर्शाती है कि भारतीय मूल के व्यक्तियों के विचारों को दबाने का प्रयास किया गया। 2. धार्मिक अल्पसंख्यकों की स्थिति और ब्रिटिश उदासीनता ब्रिटेन अक्सर मानवाधिकार और अ...
रूस और यूक्रेन के बीच 2022 से जारी युद्ध ने वैश्विक राजनीति, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को गहराई से प्रभावित किया है। इस संघर्ष के कारण उत्पन्न मानवीय संकट और विश्व स्तर पर अस्थिरता ने भारत जैसे देशों के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की संभावना पैदा की है। भारत, जो अपनी तटस्थ विदेश नीति और कूटनीतिक कौशल के लिए जाना जाता है, इस युद्ध में शांति स्थापना के लिए एक महत्वपूर्ण शक्ति बन सकता है। इस लेख में, हम भारत की भूमिका, अब तक की पहल, और भविष्य में संभावित शांति प्रयासों का विस्तृत विश्लेषण करेंगे। रूस-यूक्रेन युद्ध: पृष्ठभूमि और प्रभाव युद्ध की पृष्ठभूमि रूस और यूक्रेन के बीच लंबे समय से भू-राजनीतिक तनाव चला आ रहा है। 2014 में क्रीमिया पर रूस के कब्जे और पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी संघर्ष ने इन तनावों को और गहरा कर दिया। फरवरी 2022 में, रूस ने यूक्रेन पर सैन्य आक्रमण शुरू किया, जिसे वैश्विक स्तर पर व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा। इस युद्ध ने लाखों लोगों को विस्थापित किया और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला, ऊर्जा सुरक्षा, और खाद्य सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव डाला। वैश्विक प्रभाव इस संघर्ष ने...